माध्यमिक शिक्षा के क्षेत्र में गोरखपुर में हमारा यह प्रयास प्रारम्भ हुआ सन् 1968 में। प्रारम्भ में ही सरस्वती शिशु मन्दिर पक्कीबाग, दुर्गाबाड़ी, गोरखपुर के परिसर से अलग माध्यमिक विद्यालय की भूमि एवं भवन हो, यह विचार हमारे स्थानीय कार्यकर्ताओं के मस्तिष्क में छात्रों के सर्वांगीण विकास को ध्यान में रखते हुए आया। अस्तु, भूमि-भवन के प्रयास प्रारम्भ हुए। विद्यालय के तत्कालीन प्रधानाचार्य स्व. रवीन्द्रनाथ मिश्र एवं महानगर के स्थानीय राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ताओं के प्रयास से दो एकड़ भूमि महानगर स्थित सूर्यकुण्ड नामक स्थान पर प्राप्त हुआ। आवश्यकता को देखते हुए भूमि क्रय के क्रम में सुभाषचन्द्र बोस नगर में तीन एकड़ का भूखण्ड क्रय किया गया। तीव्र गति से प्रारम्भ हुआ विद्यालय निर्माण का कार्य अब आधुनिक सुख-सुविधाओं से युक्त निर्मित है, विशाल विद्यालय भवन, माध्यमिक शिक्षा के क्षेत्र में इस अभिनव प्रयोग को समाज ने सराहा, सन् 1968 में कक्षा षष्ठ में छः भैयाओं से प्रारम्भ किये गये अपने विद्यालय में वर्तमान में 1775 भैया षष्ठ से द्वादश कक्षा तक अध्ययनरत हैं।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता बन्धुओं, समिति एवं विद्या भारती के कार्यकर्ता बन्धुओं ने सुझाव दिया कि विद्यालय का एक अलग छात्रावास होना चाहिए विचार के पश्चात् सुभाषचन्द्र बोस नगर में ही एक एकड़ भूमि क्रय किया गया, जहाँ पर आधुनिक सुख-सुविधाओं से युक्त विशाल छात्रावास (भाऊराव देवरस छात्र निलयम्) की व्यवस्था जहाँ पर लगभग 300 छात्रों को आवासीय सुविधा प्राप्त है।
|