Home Contact Us

Content on this page requires a newer version of Adobe Flash Player.

Get Adobe Flash player

| Message | About Us | Mission | Vidya Bharati | Hostel | Management Cell | Facility | Fee | Photo Gallery |

विद्याभारती

सरस्वती शिशु मन्दिर शिक्षण पद्धति का शिक्षा जगत में एक विशिष्ट स्थान है। इसका प्रमुख कारण, यह योजना किसी व्यक्ति विशेष की देन या खोज न होकर एक विचारधारा से आविर्भूत है। यद्यपि इसके प्रादुर्भाव में कतिपय समाजसेवी, देशभक्त महापुरुषों का प्रमुख सहयोग रहा।
श्रद्धेय भाऊराव देवरस, कृष्णचन्द्र गाँधी तथा नानाजी देशमुख जो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ कार्यकर्ता थे, उनकी प्रेरणा से गोरखपुर में 1952 में इस योजना का श्रीगणेश हुआ, नाम रखा गया ‘सरस्वती शिशु मन्दिर’ जो बाद में अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान विद्या भारती का शिक्षा के क्षेत्र में प्रथम दीपक के नाम से विख्यात हुआ। शनैः-शनैः योजना के दीपक न केवल उत्तर प्रदेश में अपितु सम्पूर्ण देश में प्रज्ज्वलित होने लगे। कालान्तर में हमारे सरस्वती शिशु मन्दिरों से जुड़े हुए अभिभावकोंएवं शिक्षा प्रेमियों द्वारा यह अनुभव किया जाने लगा कि अपने इस अभिनव संस्कार के प्राथमिक शिक्षा के क्षेत्र के प्रयोग को कक्षा पंचम से आगे बढ़ाया जाय। कक्षा पंचम के आगे कक्षा षष्ठ से द्वादश तक के लिए प्रारम्भ किया गया, ‘सरस्वती विद्या मन्दिर’। माध्यमिक शिक्षा के क्षेत्र में आगरा में प्रदीप्त हमारा प्रथम दीपक देखते-देखते प्रदेश के अन्य स्थानों यथा गोरखपुर, कानपुर, लखनऊ, नैनीताल, मथुरा, वृन्दावन, रुनकता (आगरा), कोसीकला, फैजाबाद, सुल्तानपुर, देवरिया, हापुड़, बलिया, फिरोजाबाद, शक्तिनगर, अलीगढ़, गाजियाबाद, नोयडा, साहिबाबाद, एटा, बस्ती, खुर्जा, रुड़की, गाजीपुर और सम्भल में प्रदीप्त होने लगा। वर्तमान में उत्तर प्रदेश में लगभग 46 सी.बी.एस.ई. के तथा 225 उत्तर प्रदेश माध्यमिक बोर्ड के वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय यशस्वी हो रहे हैं।
भारतीय संस्कारों से युक्त शिक्षा पद्धति के अनुरूप सम्पूर्ण देश में कार्यरत् 30,000 से अधिक शिशु मन्दिरों व विद्या मन्दिरों में लगभग 30 लाख भैया एवं बहनें अध्ययनरत हैं, साथ ही इनमें लगभग 1,50,000 आचार्य-आचार्या अध्यापन कार्य कर रहे हैं।
शिक्षा का नियोजन केन्द्र विद्या भारती एक अखिल भारतीय संस्था है, जिसके मार्गदर्शन एवं निर्देशन में देश के विभिन्न प्रान्तों में भी शिक्षा समितियाँ कार्यरत हैं, इनमें से ही संस्था भारतीय शिक्षा समिति उत्तर प्रदेश है। सौभाग्य से यह विद्यालय भारतीय शिक्षा समिति उत्तर प्रदेश से सम्बद्ध एवं स्वामी विवेकानन्द आदर्श शिक्षा समिति, गोरखपुर द्वारा संचालित है।
छात्र अपने माता-पिता की भावी आशाओं, आकंक्षाओं का केन्द्र बिन्दु, किसी भी समाज के अमूल्य धरोहर तथा राष्ट्र की निधि है। अतः इस धरोहर की अन्तर्निहित शक्तियों तथा गुणों का विकास करके भावी पीढ़ी का निर्माण करना आवश्यक है। स्वामी विवेकानन्द आदर्श शिक्षा समिति“ अपनी विभिन्न विशेषताओं को लेकर इसी उद्देश्य के लिए कृत संकल्प है।


 

| Home | About Us | Amrit Vachan | Balika Prakalp | Contact Us | Photo Gallery | Results | Notice |
| Achivements | Forms & Downloads | School Information |

 

Website Developed and Maintained by Madhur Computers
Best viewed using IE6 or above with 1024 X 768 resolution.